तुमने अब तक ऐसा कुछ नहीं कहा
जो पहली बार कहा गया हो
ऐसा तब है-
जब कहते हो कि तुम मेरा पहला प्यार हो
तुमने चांद क्या देखा कि
खूबसूरत लगने लगा
गुलाब के फूलों के मतलब समझ गए
नदियों की धारा में संगीत सुनने लगे
जबकि तुमने इन्हें पहली बार देखा था
पृथ्वी पर जब पहली बार रेलगाड़ी दौड़ी
तो पहले रोमांच में
थके हुए शब्द नहीं थे
थके हुए अर्थ भी नहीं थे
कितने भोलेपन के साथ
तुमने कहा था-
बेपनाह प्यार करता हूं
सच कह रही हूं
इन थके शब्दों के थके अर्थों की
बोझ वाली तुम्हारी भंगिमाओं से मैं भी थक जाती हूं
Wednesday, May 18, 2011
Subscribe to:
Posts (Atom)