Friday, February 26, 2010

ममता का माकूल ‘विजन 2020’


पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम का सपना है कि भारत वर्ष 2020 तक विश्व रंग-मंच पर एक विकसित राष्ट्र बनकर उभरे। उन्होंने अपने कार्यकाल में एक विजन पेश किया था। आज रेल मंत्री ममता बनर्जी के पास भी ‘विजन 2020’ है भारतीय रेलवे को विश्व में नंबर वन बनाने के लिए। जाहिर है इसका असर आज पेश होने वाले केंद्रीय रेल बजट में भी दिखेगा।
ममता बनर्जी का कहना है कि जब मैं एनडीए की सरकार में (1999-2001) में रेल मंत्री थी तो भारतीय रेलवे नेटवर्क के ममले में विश्व में दूसरा स्थान रखता था। लेकिन आज खिसकर तीसरे स्थान पर आ गया है। रेल मंत्री का मानना है कि रुट विस्तार में भारतीय रेलवे का बड़ा ही सुस्त रफ्तार रहा है। 1947 में भारतीय रेलवे का रुट 53,996 किलोमीटर था और आज भी मात्र 64,099 किलोमीटर है। 62 सालों में महज 10,000 किलोमीटर का विस्तार हुआ है। ‘विजन 2020’ के तहत 25,000 किलोमीटर नया रुट बनाया जाएगा ताकि नेटवर्क के मामले में भारतीय रेलवे नंबर तीन से नंबर दो और एक तक पहुँच सके। यह विस्तार मुख्यतः उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर और पूर्वोत्तर के राज्यों में किया जाएगा।
फिलहाल भारतीय रेलवे के पास करीब 9 हजार यात्री ट्रेनें हैं ‘विजन 2020’ के तहत यात्री ट्रेनों की संख्या में और इजाफा किया जाएगा। संख्या के साथ स्पीड क्षमता भी बढ़ायी जाएगी जो 110-130 से 160-200 किलोमीटर प्रति घंटा के बीच होगी। चीन के पास सबसे तेज रेलगाड़ी की रफ्तार 450 किलोमीटर प्रति घंटा है वहीं भारत में सबसे तेज रेलगाड़ी की रफ्तार महज 140 किलोमीटर प्रति घंटा है। ममता बनर्जी चाहती हैं कि स्पीड क्षमता के मामले में भी भारत विश्व के टॉप देशों से मुकाबला कर सके। भारतीय रेल के पास मालगाड़ियों की संख्या कुल छह हजार है। मालगाड़ियों की संख्या और स्पीड क्षमता में भी इजाफा किया जाएगा। स्पीड क्षमता 60-70 किलोमीटर प्रति घंटा से बढ़ाकर 100 किलोमीटर प्रति घंटा करने की योजना है। भारतीय रेलवे देश के कोई पौने सात हजार शहर-कस्बों और ग्रामीण केंद्रों को जोड़ती है और कोई 14 लाख लोग इस पूरे तंत्र को चलाने में अपनी भूमिका निभाते हैं। जाहिर है ‘विजन 2020’ में इन क्षमताओं का भी विस्तार किया जाएगा।
भारतीय रेलवे लाइन का अभी भी एक बड़ा हिस्सा इलेक्ट्रिक नहीं हो पाया है। ‘विजन 2020’ के तहत 14,000 किलोमीटर लाइन को इलेक्ट्रिक बनाया जाएगा। रेलवे के आधुनिकीकरण और कम प्रदूषण के लिए यह अत्यंत ही जरूरी है। 30,000 किलोमीटर रुट डबल और मल्टीपल किया जाएगा। दुर्घटनाओं को खत्म करने के लिए भी युद्धस्तर पर कार्य किया जाएगा।
अगले 10 सालों में 50 विश्व स्तरीय स्टेशन बनाए जाएंगे। इन स्टेशनों का आकार बड़ा होगा और आकर्षक डिजाइन होंगे। बड़ा कॉन्फ्रेंस हॉल, बड़ा वेटिंग स्पेस और मनोरंजन एवं सांकृतिक गतिविधियों की अनिवार्य मौजूदगी रहेगी। इन स्टेशनों पर इतनी सुविधाएँ होंगी कि किसी भी देश के आधुनिकतम रेलवे स्टेशनों से मुकाबला कर सके।
भारतीय रेलवे के पास पौने पाँच लाख वैगन है वहीं चीन के पास पाँच लाख दस हजार। हमारे पास कुल पौने आठ हजार इंजन है चीन के पास साढ़े ग्यारह हजार। हम अगर साल में 56 लाख टन माल ढो रहे हैं तो चीन सवा दो अरब लाख टन। ‘विजन 2020’ में इन क्षमताओँ का विस्तार किया जएगा। राजस्व बढ़ाने के लिए भारतीय रेलवे व्यवसायिक विज्ञापनों का उपयोग करेगा। रेलवे इस पर भी विचार कर रहा है कि विभिन्न सूचनाओं और योजनाओं के प्रसारण के लिए अलग टेलीविजन चैनल खोला जाए।
देश के विकास में रेलवे की अहम भूमिका हमेशा से रही है। यहाँ विकास को यदि हम केवल आर्थिक और औद्योगिक स्तर पर देखेंगे तो रेलवे की भूमिका को कमतर कर के देखेंगे। सांस्कृतिक सहभागिता को संपन्न बनाने में तो भारतीय रेलवे की सबसे बड़ी भूमिका रही है। ममता बनर्जी की इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए धन सार्वजनिक फंड और सार्वजिक निजी साझेदारी से उपलब्ध होगा। यदि ममता बनर्जी का ‘विजन 2020’ वाकई में जमीन पर उतर गया तो वह भारतीय रेलवे का स्वर्णिम समय होगा।